नई दिल्लीः ‘कैश फॉर क्वेरी’ कांड में, आचार समिति की रिपोर्ट के आधार पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। महुआ मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने संसद में सरकार की आलोचना करने वाले सवाल पूछने के एवज में व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से 2 करोड़ रुपये नकद और महंगे उपहार लिए थे। आरोपों के अनुसार मोइत्रा ने संसदीय वेबसाइट की अपनी व्यक्तिगत यूजर आईडी और पासवर्ड भी हीरानंदानी को उपलब्ध कराए थे ताकि वह सीधे प्रश्न पोस्ट कर सके। टीएमसी सांसद मोइत्रा ने रिश्वतखोरी के आरोपों से इनकार किया था लेकिन लॉग-इन विवरण साझा करने की बात उन्होंने स्वीकार की थी।
लोकसभा में हंगामेदार चर्चा और ध्वनि मत के पश्चात, सभापति ओम बिरला ने कहा कि यह सदन आचार समिति के निष्कर्षों को स्वीकार करता है – कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण अनैतिक और अशोभनीय था। इसलिए, उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है।
वहीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा के निष्कासन को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि भाजपा की प्रतिशोध की राजनीति ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है।
‘कैश फॉर क्वेरी’ कांड में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता समाप्त
